ISKCON के 50 स्वर्णिम वर्ष: गोल्डन जुबली उत्सव का भव्य आयोजन
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ISKCON की स्थापना और वैश्विक योगदान:
ISKCON की स्थापना 1966 में श्रील ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा न्यूयॉर्क में की गई थी। तब से लेकर अब तक, यह संस्था 100 से अधिक देशों में फैली हुई है और 800+ मंदिरों (ISKCON Temples Worldwide) में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति को बढ़ावा दे रही है।

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ISKCON 50 Years Celebration के अंतर्गत, विशेष कीर्तन महोत्सव (Harinam Sankirtan Festival), प्रवचन, भजन संध्या, एवं भव्य शोभायात्राएँ निकाली जाएँगी। इस स्वर्ण जयंती उत्सव में वैश्विक भक्त समुदाय शामिल होगा और इसे डिजिटल माध्यम से भी लाइव प्रसारित किया जाएगा।
समाज सेवा और योगदान:
ISKCON न केवल आध्यात्मिक उत्थान का कार्य कर रहा है, बल्कि समाज सेवा में भी अग्रणी है। Food for Life Program के माध्यम से लाखों लोगों को निःशुल्क भोजन (Free Meal Distribution) प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, गौ संरक्षण (Cow Protection Program), वैदिक शिक्षा, एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों में भी ISKCON की भूमिका सराहनीय है।
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ISKCON का भविष्य और लक्ष्य:
ISKCON Golden Jubilee Year 2025 के साथ, यह संस्था अगले 50 वर्षों के लिए भी बड़े लक्ष्यों को निर्धारित कर रही है। इसके अंतर्गत अधिक मंदिरों का निर्माण, श्रीमद्भगवद्गीता का व्यापक प्रचार और वैश्विक स्तर पर हरिनाम संकीर्तन का विस्तार शामिल है।
यह 50 Years of ISKCON Golden Jubilee न केवल संस्था के लिए, बल्कि हर भक्त के लिए गौरवशाली क्षण है। आने वाले वर्षों में भी ISKCON श्रीकृष्ण भक्ति का प्रचार करता रहेगा और विश्व को प्रेम, करुणा, और भक्ति का संदेश देता रहेगा।
हरे कृष्ण!

